रेगिस्तान की तपती रेत पर
अपनी चुनरी बिछा
उस पर लोटा भर पानी
और उसी पर रोटियाँ रख कर
हथेली से आँखों को छाया देते हुए
…औरत ने
ऐन सूरज की नाक के नीचे
एक घर बना लिया ।
रेगिस्तान की तपती रेत पर
अपनी चुनरी बिछा
उस पर लोटा भर पानी
और उसी पर रोटियाँ रख कर
हथेली से आँखों को छाया देते हुए
…औरत ने
ऐन सूरज की नाक के नीचे
एक घर बना लिया ।