हम रिमोट से चलने वाले
कम्प्यूटर-रोबोट।
धरती पर है पाँव
और मन
अन्तरिक्ष में खोए
रठराए हैं
स्वस्थ बीज, नव-
उपग्रह पर बोए
कहाँ समय जो ढूँढ़े कोई
आख़िर किसमें खोट।
चुकी बैटरी,
ध्वनियाँ मद्धिम,
सी० पी० यू० गतिहीन
किसी तहलका
डॉट काम पर
भूखे हैं तल्लीन
आँखें सहमी फटी-फटी-सी
और सिले हैं होंठ।
उनके खेल,
ज़रूरत जितनी
उतनी विद्युत धारा
उनकी ही
मरज़ी पर निर्भर
अपना जीवन सारा
बटन दबे औ’ हम तो छापें
पट-पट अपने वोट।