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करोगी तुम प्यार/ प्रदीप मिश्र

पेड़ पौधों से
करोगी तुम प्यार
वे विफल कर देंगे
प्रदूषण का षडयन्त्र

घर से
करोगी तुम प्यार
भूल कर अपने सारे दुःख
खुशहाल हो जाएगा घर

बच्चों से
करोगी तुम प्यार
वे भविष्य की भयावहता से
घबराएँगे नहीं

समन्दर से
करोगी तुम प्यार
मीठा लगने लगेगा उसका पानी

मुझसे
करोगी तुम प्यार
मैं फैलकर व्योम हो जाऊँगा ।