लोग पूजा करते हैं
मूर्तियों की
देवताओं की
मकबरों की
नहीं , हम तो , कलम की पूजा करते हैं !
कौनसी कलम ?
जिसमें स्याही हो
रिफिल हो
जो हमें ऊंचा चढ़ावें
प्रमोशन दिलवावें
किसी संस्था का पदाधिकारी बनवा दें
अखबार में नाम छपवा दें
जिसमें ऐसी ताकत हो
हम तो उसी कलम की पूजा करते हैं !