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कविताएँ (3) / धर्मेन्द्र चतुर्वेदी


"कविताएँ लिखना "
अनिवार्य किया जाये
इस देश के प्रत्येक ज़िम्मेदार नागरिक के लिए ;
ताकि जब किसी चोट से
टूटे कोई नाजुक दिल,
तो कविताएँ लिखकर रोकी जा सके
अनापेक्षित हृदयाघात से मौत |