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कवि (दो) / शरद बिलौरे

चिड़िया पर
कविता लिखो
तो उसमें
पेड़ आते ही हैं

और कवि
तुम पेड़ छू सकते हो
चिड़िया कभी नहीं
पकड़ सकते।