Last modified on 16 जून 2008, at 04:25

कुछ और / मनमोहन

भाइयो

बात थी कुछ और

जैसी कही गई

या समझी गई

वैसी न थी

या जैसी कि बन गई


जहां तक कुछ और की बात है

तो उसके बारे में कुछ और भी कहा जा सकता है


जैसे हम करते रहे कुछ-कुछ

बहुत कुछ करते रहे जबकि

हमें करना था कुछ और


और जैसे हम कहते रहे

हमें कुछ और वक्त चाहिए

जबकि सच तो ये है कि हमें चाहिए था

वक्त ही कुछ और ।