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कोयल / लक्ष्मी खन्ना सुमन

मीठा गाना गाती कोयल
बन-बन रस छलकाती कोयल

कूह-कूहु के सुंदर स्वर में
मीठी तान सुनाती कोयल

काली-काली देखी भाली
उड़-उड़ आती-जाती कोयल

कौवे के घर पाले बच्चे
उसको खूब छकाती कोयल

मन मतवाली बड़ी निराली
उपवन को चहकाती कोयल

बौर खिले जब आम बगीचे
डाल-डाल हर्षाती कोयल

आओ मिलकर खेलें-गाएँ
सखी को 'सुमन' बुलाती कोयल