Last modified on 9 जून 2016, at 03:38

कौआ / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

कौआ कार सलेटी रंग
काँही-काँही उजरो रंग
पर्वत पर नै, रहै नै वोॅन
बस्ती में ही मारै रौन।

जखनी आवै पहुनोॅ घोॅर
मारे खुशी सें होय छै तोॅर
भूख लगै तेॅ कुछुवोॅ खाय
जरियो टा नै कहूँ लजाय।

काग कहाबै कौओ संग
बच्चे बेसी यै सें तंग
दिन भर एकरोॅ काँव-काँव-काँव
गूंजै शहरोॅ सें लै गाँव।