जानता हूँ
सुबह का यह सूरज
ढल जाएगा शाम तक
लेकिन इस बीच
दोपहर की लम्बी तपन में
हड्डियों के पसीजने की बात
कौन मानेगा ?
जानता हूँ
सुबह का यह सूरज
ढल जाएगा शाम तक
लेकिन इस बीच
दोपहर की लम्बी तपन में
हड्डियों के पसीजने की बात
कौन मानेगा ?