Last modified on 24 मई 2010, at 13:14

खबर / लाल्टू

जाड़े की शाम
कमरा ठंडा ठ न् डा
इस वक़्त यही ख़बर है

- हालाँकि समाचार का टाइम हो गया है

कुछेक ख़बरें पढ़ी जा चुकी हैं

और नीली आँखों वाली ऐश्वर्य का ब्रेक हुआ है
है ख़बर अँधेरे की भी

काँच के पार जो और भी ठंडा

थोड़ी देर पहले अँधेरे से लौटा हूँ

डर के साथ छोड़ आया उसे दरवाज़े पर
यहाँ ख़बर प्रकाश की जिसमें शून्य है

जिसमें हैं चिंताएं, आकांक्षाएँ, अपेक्षाएँ

अकेलेपन का कायर सुख
और बेचैनी...

...इसी वक़्त प्यार की ख़बर सुनने की

सुनने की ख़बर साँस, प्यास और आस की
कितनी देर से हम अपनी

ख़बर सुनने को बेचैन हैं।