मेरा नन्हा सा मन
पलक का टूटा बाल
मुट्ठी पे रख
फूंक से उड़ा
स्कूल की छुट्टी मांगता था
और अगले दिन रविवार आ जाता था
काश ज़िन्दगी की हर हसरत
एक पलक के टूटे बाल से पूरी हो जाती
मेरा नन्हा सा मन
पलक का टूटा बाल
मुट्ठी पे रख
फूंक से उड़ा
स्कूल की छुट्टी मांगता था
और अगले दिन रविवार आ जाता था
काश ज़िन्दगी की हर हसरत
एक पलक के टूटे बाल से पूरी हो जाती