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खेत / शैलेय

यहाँ सीढ़ीदार खेत हैं / लेकिन
खेतों में ऐसी कोई सीढ़ियाँ नहीं कि
भकार
सदैव ही भरा-पूरा रहे

हलवाहे भी क्या करें
सब जानते हैं कि गधेरे का पानी
बिना उपाय कैसे ऊपर चढ़े
दून से दिल्ली
एक और चढ़ाई है पहाड़ के लिए

पानी ही क्यों
फिर सभी कुछ तो सरसब्ज़ है