खराब ख
ख खुले
खेले राजा
खाएं खाजा ।
खराब ख
की खटिया खड़ी
खिटपिट हर ओर
खड़िया की चाक
खेमे रही बाँट ।
खैर खैर
दिन खैर
शब खैर ।
खराब ख
ख खुले
खेले राजा
खाएं खाजा ।
खराब ख
की खटिया खड़ी
खिटपिट हर ओर
खड़िया की चाक
खेमे रही बाँट ।
खैर खैर
दिन खैर
शब खैर ।