लटकी हुई हैं
बर्फ़ सी गिलहरियाँ
मेरे वजूद की
यहाँ।
डरी-डरी
सहमी सी
थामे टहनियाँ।
उल्टी लटकी हुई फाँस
एक दिन
काल बन जाएगी।
लटकी हुई हैं
बर्फ़ सी गिलहरियाँ
मेरे वजूद की
यहाँ।
डरी-डरी
सहमी सी
थामे टहनियाँ।
उल्टी लटकी हुई फाँस
एक दिन
काल बन जाएगी।