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गीत / गंगा प्रसाद राव

गजुरै छै बीया एक फूलॅ के
ऐंगना के पार
महकै छै पहलै सें सौंसे घर द्वार
मातलॅ पुरबैया झकोरै छै विरवा केॅ
झूमै शराबी रं सौंसे ठो ठार
महकै मॅन चन्दन रं
लहकै कचनार
गजुरै छै बीया एक फूलॅ के
ऐंगना के पार-