जहां कहीं भी होगी गूंज
वह सुनेगा
पहचानेगा
और आत्मसात् कर लेगा अपने भीतर
भले ही
डराने लगे भूत
न संवरे भविष्य
गड़बड़ा जाए आज
जहां कहीं भी होगी गूंज
वह सुनेगा
पहचानेगा
और आत्मसात् कर लेगा अपने भीतर
भले ही
डराने लगे भूत
न संवरे भविष्य
गड़बड़ा जाए आज