Last modified on 2 अगस्त 2010, at 11:37

घबराहट / अजित कुमार

घोंघा जब एक रोज़
शंख में से निकला,
बाहर इतनी बड़ी दुनिया मिली
-हवा, सूरज, शोर-
घबराकर वह
तुरंत
अपने खोल में दुबक गया ।