कठफोड़वा ले आई काठ
खट-खट-खट की आवाज़ से भर उठा वह अधबना घर
बनाई उसने चौखट
खिड़कियाँ, दरवाज़े, रोशनदान कि सुबह-सुबह आए सूरज
कि आए हवा
कि दिन और रात..आएँ
कठफोड़वा ले आई काठ
खट-खट-खट की आवाज़ से भर उठा वह अधबना घर
बनाई उसने चौखट
खिड़कियाँ, दरवाज़े, रोशनदान कि सुबह-सुबह आए सूरज
कि आए हवा
कि दिन और रात..आएँ