मित्रकें भ’ गेलनि
घाक टोपए गिल्टी,
हमरा डंकलक टोपए
निन्न नै होइए।
खा नहि पबै छी भरि पेट
सोमालियाक टोपए,
मुसकिया नहि पबै छी रत्ती भरि
तसलीमाक टोपए।
देखू ने दूरदर्शनक टोपए
स्वास्थ्य नहि रहैए ठीक,
स्नान नहि क’ पबै छी भरि पोख
सरदार सरोवरक टोपए
बड़ कष्ट में छी भाइ
मोन औनाइत रहैए सदरि काल
मंडल-कमंडलक टोपए
जेना भरिबहुआँ शर्ट पड़ैए पहिरए
एहि गरमीमे
पूजा भट्टक टोपए।