भाई, रामआसरे
एक दिन और बीत गया
न झुके, न टूटे
मेहनत की, मज़दूरी ली
अब आ रही है सुगन्ध
चूल्हे पर पकती रोटी की
सब प्रभु की माया है
उसका ही चमत्कार है
ज़िन्दगी से आदमी जीत गया
भाई, रामआसरे
एक दिन और बीत गया
भाई, रामआसरे
एक दिन और बीत गया
न झुके, न टूटे
मेहनत की, मज़दूरी ली
अब आ रही है सुगन्ध
चूल्हे पर पकती रोटी की
सब प्रभु की माया है
उसका ही चमत्कार है
ज़िन्दगी से आदमी जीत गया
भाई, रामआसरे
एक दिन और बीत गया