पिता ने मुझे विरासत में
कई चाभियां दी
मैं एक-एक कर खोलता रहा दरवाजे
दुनिया का कोई दरवाजा
मेरी चाभी से नहीं खुला
चाभियों का रहस्य
चला गया पिता के साथ
उनकी विरासत का मूल्य
बाल सफेद होते-होते समझ आया
पिता ने मुझे विरासत में
कई चाभियां दी
मैं एक-एक कर खोलता रहा दरवाजे
दुनिया का कोई दरवाजा
मेरी चाभी से नहीं खुला
चाभियों का रहस्य
चला गया पिता के साथ
उनकी विरासत का मूल्य
बाल सफेद होते-होते समझ आया