जन चार
भार (मृत मवेशी) लिए कंधों पर जा रहे
हिम्मत सबकी
हो रही तार-तार
मृत्यु का बोझ
हो रहा भार है
त्याग दें भार तो
जीना दुश्वार है।
जन चार
भार (मृत मवेशी) लिए कंधों पर जा रहे
हिम्मत सबकी
हो रही तार-तार
मृत्यु का बोझ
हो रहा भार है
त्याग दें भार तो
जीना दुश्वार है।