दो चलनियाँ हैं
मेरी आँखें,
लोगों के
ढेर में से,
चालती हुई
तुम्हें।
(काहिरा - अगस्त 2003)
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल
दो चलनियाँ हैं
मेरी आँखें,
लोगों के
ढेर में से,
चालती हुई
तुम्हें।
(काहिरा - अगस्त 2003)
अँग्रेज़ी से अनुवाद : मनोज पटेल