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चिड़िया / ओम पुरोहित ‘कागद’

पेड़ नहीं
डाली नहीं
पत्ते नहीं
फ़ूल नहीं
कांटा नहीं
नहीं छाया
चिड़िया बेचारी
बसे कहां !

अनुवाद-अंकिता पुरोहित "कागदांश"