राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
खांदे धोती माथे रूमाल, घर घर डोले म्हारो मोतीडो मणियार।
चूड़लो पेरल ये घर ये, सूरजजी री नार चूड़लो पेरले।
चूड़लो पेरल ये घर ये, गजानंदजी री नार चूड़लो पेरले।
बादीला करे किलोल, चूड़लो पेरले। महला में जोव थारी बाट चूड़लो पेरले।
खातीला कर मनवार चूड़लो पेरले।