Last modified on 4 जुलाई 2014, at 07:02

छप्पन / प्रमोद कुमार शर्मा

कांई-कांई बचास्यो
हवेलियां कद तांई बचैला
-सबद बचावो!
राम फेरूं निरवासित है
-कोई अवध बचावो!