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छोटा भारत / जयप्रकाश कर्दम

भारत से दूर एक छोटा भारत
भारत की तरह धर्मों, जातियों,
अस्मिताओं में बंटा हुआ
उससे भी ज्यादा भाषाओं में
भीतर से विखण्डित, बाहर से अखण्ड
भारतीय समाज के सारे पाखण्ड
शिव भक्ति, रामायण गान
घरों के आगे महावीर का थान
यज्ञ-हवन, भजन-कीर्तन
पूजा-प्रसाद, थोड़ा-बहुत प्रवचन
धर्म के नाम पर कर्मकाण्डों की छाप
सत्यनारायण की कथा,
हनुमान चालीसा का जाप
आर्य-समाजी, सनातनी
आपस में तनातनी
सब का एक ही रिवाज
गंगा तालाब पर पूजा, समुंद्र में गंगा-स्नान
साथ में मांस-मदिरा का पान
रटा है हर किसी को गायत्री मंत्र
शांति-पाठ और कुछ दूसरे श्लोक
भारतीयता सिर्फ इतनी
बाकी सब फ्रेंच और क्रियोल
पश्चिम की जीवन-शैली, भारतीय धर्म
वैचारिक जड़ता, आचरण का द्वंद्व
यह मॉरिशस के समाज की कथा है
छोटे भारत की सांस्कृतिक व्यथा है।