पिछले जनम में जरूर कोई पेड रहा हूंगा
मेरी आँतों के साथ कुछ कट गया था
फिर भी जडों जैसा कुछ रह गया है
जीवंत और कसमसाता
वही रह रहकर अभी भी
 
लगता है कुछ अनजान जंगली जडे
भूगर्भ में उतर गयी हैं मेरे अन्दर बहुत गहरे
मैे आदमी के रूप में आया हूं
तभी से है यह टकराहट
मेरे साथ छापामार युद्ध में सक्रिय हैं वे
रह रहकर

कोई मेरे भीतर दीवार चुन रहा है रोज रोज
ईट पर ईट रखकर सुरक्षा की
जैसे कोई इस खडी होती हुयी इमारत को
फकीर की दरी की भाँति उधेडकर फेंक देता है
रोज रोज
मेरे असावधान क्षणों में

देखता हूँ कुछ अनजानी जडे मेरी
दीवार को सतत खोदे जा रही हैं नींव से ही
पिछले जनम में शायद किसी पेड को काटा होगा मैने
वही अब बैर चुका रहा है रह रहकर मेरे साथ
जडों से जडों में

अब मैं एक दीवार बनता जा रहा हूँ
मेरे अंदर की मिट्टी अब
पत्थर सी सख्त होती ...सूखती जा रही हैं
मेरी इस मिट्टी मेंसमाये हैं
अब तक काटे गये
जंगलों के उद्भित बीज

नीचे से उपर तक कोई मुझे टांच रहा है
खुरच रहा है खोद रहा है नींव मे से
मैं बेचैन हूं
मेरी नींद हराम हो गयी है

उपर वृक्ष जैसा तो कुछ दीख ही नहीं रहा है
और मात्र
अदृष्य जडें हीं कुलबुला रही है मेरी मेरी नींव में
फैलते उलझते बिजली के तारों सी।

कभी कभी तो जडें मुझमें ही तन जाती हैं
और संभोग करती हैं सर्पो की भांति मेरे अन्दर
एक वृक्ष को जन्म देने के लिये

ये जनजानी जडें ही मुझे
एक दिन दीवार की तरह फाड देंगी ं
बृक्ष बनने की प्रक्रिया में

गुजराती से अनुवाद

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