आते हैं जब वे
तो लगता है तुम मेरे पास हो
मुझ में से होकर
निकलते हुए भी बाहर
-पोंछता नहीं आँसुओं को
सूखने से उन्हें बचाने का जतन करता हूँ
सो बहते रहो
कि बचा सकूँ।
आते हैं जब वे
तो लगता है तुम मेरे पास हो
मुझ में से होकर
निकलते हुए भी बाहर
-पोंछता नहीं आँसुओं को
सूखने से उन्हें बचाने का जतन करता हूँ
सो बहते रहो
कि बचा सकूँ।