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ज़माना हुआ है हमें मुस्कुराये / रंजना वर्मा

तुम याद आये
नयन नीर छाये
जमाना हुआ है हमें मुस्कुराये॥

ये गुलशन ये कलियाँ ये हँसती बहारें
ये फूलों की खुशबू तुम्ही को पुकारें

तुम तो न आये
नयन छल छलाये
तेरा नाम ले-ले पपीहा बुलाये
जमाना हुआ है हमें मुस्कुराये॥

बरस बीते तुमको नयन भर निहारे
धड़कता था जब दिल तुम्हारे सहारे,

वो दिन लौट आये
मेरा मन ये चाहे
हैं साँसों ने कितने विरह गीत गाये।
जमाना हुआ है हमें मुस्कुराये॥