मेरे हाथों से
तुम अपने हाथ
छुड़ा कर जब चले गये थे
मैं
बहुत देर तक
अपने
हाथों को निहारती रही थी
जानते हो क्यों
क्योंकि अब
वे हाथ
खुशबू से तर थे
तुम्हारे स्पर्श से
कारण
तुमने उनमें
लाखांे, करोड़ों
फूल खिला दिये थे ।
मेरे हाथों से
तुम अपने हाथ
छुड़ा कर जब चले गये थे
मैं
बहुत देर तक
अपने
हाथों को निहारती रही थी
जानते हो क्यों
क्योंकि अब
वे हाथ
खुशबू से तर थे
तुम्हारे स्पर्श से
कारण
तुमने उनमें
लाखांे, करोड़ों
फूल खिला दिये थे ।