Last modified on 22 जून 2017, at 22:03

जिन्दगी वास्तें / अशोक शुभदर्शी

ई जिन्दगी छेकै
थोड़ोॅ आरोॅ करैॅ लेली
जिन्दगी वास्तें

ई जिन्दगी छेकै
कुछ्छु आरोॅ
जिन्दगी वास्तें

ई जिन्दगी छेकै
ज्यादा सें ज्यादा
जिन्दगी वास्तें

ई जिन्दगी छेकै
बेहिसाब
जिन्दगी वास्तें।