Last modified on 17 जनवरी 2011, at 14:14

जेब / रतन सिंह ढिल्लों

घड़ी के आदेश पर
सोफ़े पर
सरसराहट हुई
और मेज़
धीरे-धीरे सरकने लगी ।

उसके
बायें हाथ की
दूसरी अंगुली के पास
छल्ला घूम रही थी ।

मैंने उसकी नग्न आँखों में
अपनी
बदलती तस्वीर देखी ।
 
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला