गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 20 जून 2014, at 06:30
झूंपड़ी (3) / कुंदन माली
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
कुंदन माली
»
जग रो लेखो
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
झूंपड़ी रो
हेत
बंट चुकियो है
दरवाजे रा ताल़ा में
माकड़ियां रै जाल़
आगिया रै उजाला़ में