Last modified on 13 जुलाई 2013, at 14:02

ठीक है / संजय कुंदन

- ठीक है
कोई मिलता है तो कहता हूँ
- ठीक है
एसएमएस करता हूँ अपने मित्र को
और प्रत्युत्तर में प्राप्त करता हूँ यही दो शब्द

इन दो शब्दों से ही बच रही है लाज
अगर कह दूँ कि ठीक नहीं है
तो सामने वाला पड़ जाएगा फेर में
अब उसे पूछना ही पड़ जाएगा
कि क्यों, क्या ठीक नहीं है
अगर सचमुच बता दूँ कि
कुछ भी ठीक नहीं है
तो हो सकता है मेरे दुख की तेज आँधी
उड़ा कर ले जाए उसे
उसकी तकलीफों के अँधेरे जंगल में
आसान नहीं होगा उसके लिए लौट पाना

- ठीक है
इतना कह कर बचे रह सकते हैं दोनों
- ठीक है
यह एक पर्दा है या कि मुखौटा है या कि चश्मा है
बहुत सँभाल कर रखता हूँ इन दो शब्दों को।