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ठूँठ / नरेश अग्रवाल

एक छोटी सी ठूंठ का हिस्सा
पानी के ऊपर सर दिखलाता हुआ
बगुला सही जगह पर जमा हुआ है
चारों तरफ पानी है
किसी के हाथ नहीं पहुंच सकते उस तक
लेकिन उसकी चोंच मछलियों तक
बिल्कुल सुरक्षित
फिर भी यह भाग्य की बात है कि
किसे उस ठूंठ पर बैठने का अवसर मिले
दूसरों को इंतजार करने के लिए भी जगह नहीं
खाली पाया तो बैठ गए
वरना दूसरी जगह पर चल दिए
हमें भी संयोग से यह देखने में मिला
शायद बहुत भूखा होगा वह
वरना इस ठूंठ का सहारा नहीं लेता।