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तिब्‍बत / लीलाधर मंडलोई


जकड़ा है समय
बेडियों में

यदि देखा होता तिब्‍बत
महामहिम आपने

रो पड़ती आपकी आत्‍मा
आप बाज आते राजन‍ीति से