तुम लेटे थे और नाराज़ थे
कि छत तुम्हारे
ऊपर है
तुम खड़े हो गए
और ख़ुश हो लिए
कि ज़मीन तुम्हारे
पाँवों तले है;
क्या तुम दरवाज़े से
बाहर नहीं आओगे
यह महसूस करने
कि तुम दीवारों
के बीच थे?
(रचनाकाल : 1978)
तुम लेटे थे और नाराज़ थे
कि छत तुम्हारे
ऊपर है
तुम खड़े हो गए
और ख़ुश हो लिए
कि ज़मीन तुम्हारे
पाँवों तले है;
क्या तुम दरवाज़े से
बाहर नहीं आओगे
यह महसूस करने
कि तुम दीवारों
के बीच थे?
(रचनाकाल : 1978)