क्यों कभी तुम्हारा
सिर्फ-
मेरा हाल ही पूछ लेना
ऑक्सीजन की तरह लगता है...
क्यों कभी तुम्हारा
सिर्फ स्पर्श
मेरे भी जिंदा होने के
एहसासजगा देता है...
क्यों कभी एक साथ
महसूस की हुई चुप्पी भी
कुछ ऐसा कह जाती है
जिसे याद करके ज़िन्दगी
मायने बदल जाती है ...