तुम्हारे नहीं होने, नहीं आने पर मुझे बहुत धीरज से
सोचना है।
तुम नहीं हो, नहीं आओगी मुझसे मिलने — इस ज्ञान को
मुझे बहुत धीरज से पकाना है,
उसे
रस में
बदल जाने देना है।
रस को
धीरे-धीरे,
बहुत धीरज से
सोखना है।
तुम्हारे नहीं होने, नहीं आने पर मुझे बहुत धीरज से
सोचना है।
तुम नहीं हो, नहीं आओगी मुझसे मिलने — इस ज्ञान को
मुझे बहुत धीरज से पकाना है,
उसे
रस में
बदल जाने देना है।
रस को
धीरे-धीरे,
बहुत धीरज से
सोखना है।