Last modified on 28 अगस्त 2012, at 12:26

तुम्हारे नाम / नंदकिशोर आचार्य


तुम्हारे नाम ही
रचता रहूँगा मैं:
और क्या होती है कविता -
यों शब्द के अस्तित्व होने के सिवा ?

(1987)