तुम मेरी ग़ुलामी हो और हो मेरी आज़ादी
शुरू गर्मी की रात में मेरा जला हुआ गोश्त हो
मेरे देश हो तुम ।
हरे बादाम सी हरी आँखों में
रेशमी हरापन हो
तुम विशाल हो,
ख़ूबसूरत हो, विजयी हो ।
तुम मेरा दुख हो,
जिसे अभी महसूस नहीं किया था मैंने
जिसे महसूस कर रहा हूँ मैं
ज़्यादा से ज़्यादा ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय