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थारो हेत / नीरज दइया

कांई नांव देवूं थनै
किण नांव सूं बतळावूं
म्हैं जद कदैई
उळझ्यो-अटक्यो-भटक्यो
थनै ठा पड़गी।
म्हैं साफ-साफ कोनीं कैवूं
हेत साफ-साफ कोनी हुवै।
हेत खातर
कोई कांई करसी पैरवी।

जिण दिन म्हैं नीं रैवूंला
थम जावैला हेत
म्हारी रेत रै साथै।
चलत में चालसी स्सौ कीं
पण थमियोड़ो रैसी-
म्हारो हेत।
थारै मांय है जठै हेत
बो लेसी हिलोरा बारम्बार
थनै उणी’ज मांय लाधैला
दूसर लगोलग जलमतो-
म्हारो हेत!