पेड़ों से, धूप से पहाड़ों से
मिलते हैं पीले फूल
फिर मुझसे कहते हैं:
‘धूप मेरी माँ है
गाछ मेरे पिता
और पर्वत से
सूर्य रोज आता है
मिलने इसी धरा पर!’
पेड़ों से, धूप से पहाड़ों से
मिलते हैं पीले फूल
फिर मुझसे कहते हैं:
‘धूप मेरी माँ है
गाछ मेरे पिता
और पर्वत से
सूर्य रोज आता है
मिलने इसी धरा पर!’