तुम आए
एक दीवार बन
तमाम खतरों का
सामना करने के लिये
धूप चमकी
मैं घिर गई दीवारों से
तुम उड़ गये कभी के
भाप बन
खतरे दीवारों के भीतर आ गये
तुम आए
एक दीवार बन
तमाम खतरों का
सामना करने के लिये
धूप चमकी
मैं घिर गई दीवारों से
तुम उड़ गये कभी के
भाप बन
खतरे दीवारों के भीतर आ गये