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देश हमारा / सुरेश विमल

देश हमारा गुलदस्ता है

कश्मीर जैसे गुलाब है
गेंदे-सा पंजाब सुहाए
हरियाणा है गुलमोहर-सा
चंपा-सा बंगाल लुभाए।

हिंदी उर्दू तमिल असमिया
सभी पोथियों का बस्ता है

चले कथकली के संग गरबा
घूमर के संग जमे मणिपुरी
गोवा कि संगीत धुनों पर
अरुणाचल की बजे बांसुरी।

पहन जयपुरी साफा बांका
मुम्बइया बालक हंसता है।