Last modified on 24 मई 2012, at 13:24

नदी / अजेय

एक

दोस्त ,
मैं यहाँ इस किनारे
टीले पर चढ़ बैठा
कि तुम्हे उधर सागर की तरफ
बहता हुआ देखूँ.......
मज़ा तो खूब आया
लेकिन पीछे छूट गया !

1990

दो

उतरूँ
तुझ में
और तैर जाऊँ
बिन भीगे
उस पार !

2004