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नयन / प्रभात पटेल पथिक

इक हमारे नयन इक तुम्हारे नयन"
इक प्रणय के लिए नींद वारे नयन।
कितने कोमल-सरल दो कुँवारे नयन।
रात भर एक दूजे में खोये रहे,
इक हमारे नयन, इक तुम्हारे नयन।

अतिलुभावन सजल प्यारे-प्यारे नयन।
सारे जगती से लगते थे न्यारे नयन।
एक क्षण को न देखें तो धीरज न था,
प्यार में हाय! कितने थे मारे नयन।
इक हमारे नयन, इक तुम्हारे नयन

एक दूजे के कितने सहारे नयन।
एक दूजे की खातिर थे हारे नयन।
टूटकर चाहते थे वह इक दूजे को,
विधि विनिर्मित लगें कारे-कारे नयन।
इक हमारे नयन, इक तुम्हारे नयन

चाँदनी रात के दो सितारे नयन।
जाह्नवी के प्रवाहित दुधारे नयन।
एक रोये तो दूजा भी रो देता था,
आह! कितने मृदुल थे बेचारे नयन।

इक हमारे नयन, इक तुम्हारे नयन
इक हमारे नयन, इक तुम्हारे नयन