हर दिन एक कोरा कागज़ है
उस में
अपनी मुस्कानों का इतिहास लिखना
हर रात काली चादरों के समान है
उस में एक नया सूरज उगाना
हर रोज़
हर क्षण एक नयी चुनौती है
उसे स्वीकार करना
ठोकर मत लगाना ।
हर दिन एक कोरा कागज़ है
उस में
अपनी मुस्कानों का इतिहास लिखना
हर रात काली चादरों के समान है
उस में एक नया सूरज उगाना
हर रोज़
हर क्षण एक नयी चुनौती है
उसे स्वीकार करना
ठोकर मत लगाना ।